भजन
इस दुनिया के रंग में रंग न जाऊं ,रंग न जाऊँ
तेरी दुनिया में आके तुझे भूल न जाऊँ ,तुझे भूल न जाऊँ
मोह माया के जाल बुरे हैं ,मकड़ी जैसे जाल बने हैं
विषय वासना के चक्कर में फंस न जाऊँ ,फंस न जाऊँ
तेरी दुनिया में आके तुझे भूल न जाऊँ,तुझे भूल न जाऊँ
सब कुछ उसका फिर भी कहता ,तेरा मेरा तेरा मेरा
तेरे मेरे के चक्कर में फंस न जाऊँ ,फंस न जाऊँ
तेरी दुनिया में आके तुझे भूल न जाऊँ ,तुझे भूल न जाऊँ
काल चक्र में फँसता बन्दा ,आता जाता रहता बन्दा
लख चौरासी की डगर में फंस न जाऊँ ,फंस न जाऊँ
तेरी दुनिया में आके तुझे भूल न जाऊँ ,तुझे भूल न जाऊँ
संत रूप में आये उतरके ,मानव को समझाने को
मोह माया के चक्कर में तुम फंस न जइयो ,फंस न जइयो
इस दुनिया के रंग में रंग न जइयो ,रंग न जइयो
इस दुनिया में आके प्रभु को भूल न जइयो
शरणागत
नीलम सक्सेना
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