शुक्रवार, 25 अगस्त 2017

बलिहारी जाऊँ कान्हा ,तेरी बाँकी चितवन पे



                     भजन 


बलिहारी जाऊँ बलिहारी जाऊँ ,बलिहारी जाऊँ  बलिहारी जाऊँ
बलिहारी जाऊँ कान्हा ,तेरी बाँकी चितवन पे
बलिहारी जाऊँ ,बलिहारी जाऊँ
बलिहारी जाऊँ कान्हा ,तेरी बाँकी चितवन पे

१.ढूंढ रही रे गोपी ,कहाँ छुपा रे कान्हा
माँ यशोदा के पीछे जा छुपा रे कान्हा
दौड़ो भागो पकड़ो ,अरे मिल गया रे कान्हा
बलिहारी जाऊँ ,बलिहारी जाऊँ
बलिहारी जाऊँ कान्हा ,तेरी बाँकी चितवन पे

२. निधिवन में रास रचाया ,राधा संग में रास रचाया
महारास में गोपियाँ सारी ,कान्हा संग में रास रचाया
गोपी  बनके पहुँचे शंकर ,मुस्काएं हैं कान्हा
बलिहारी जाऊँ ,बलिहारी जाऊँ
बलिहारी जाऊँ कान्हा ,तेरी बाँकी चितवन पे

यमुना किनारे  चीर चुराया ,गोपियों को बड़ा सताया
गोपियाँ बोली हाथ जोड़के , चीर देदो कान्हा
कदम्ब की डाल पे बैठे बैठे ,देख रहे सब कान्हा
बलिहारी जाऊँ ,बलिहारी जाऊँ
बलिहारी जाऊँ कान्हा ,तेरी बाँकी चितवन पे



                                                                     शरणागत
                                                                  नीलम सक्सेना

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