सखीरी रात हुए कान्हा
सखीरी रात हुए कान्हा ,सखीरी रात हुए कान्हा
१. जब कान्हा ने जन्म लियो है ,खुल गए कंस के ताले
सोये रहे पहरेदार , सखीरी रात हुए------------
२. बृज में भारी धूम मची है ,गोकुल में भी धूम मची है
खुशियां छायी चहुँ ओर ,सखीरी रात हुए-------------
३. नन्द बाबा फूले न समायें ,मात यशोदा लोरी गायें
गोपियाँ मंगल गाए आज ,सखीरी रात हुए-----------
४. ढोलक बाज मंजीरा बाजें ,चिमटा बाज खड़ताल बाजें
गूँज रही शहनाई ,सखीरी रात हुए-----------
५. भर भर दोने लड्डू बँट गए ,माखन मिश्री खूब ही बँट गए
हो रही ज्योनार ,सखीरी रात हुए----------
शरणागत
नीलम सक्सेना
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