भजन
मैं तेरे दर पे आयी हरि जी, अपनी शरण में लेलो हरि जी
मैं तेरे दर---------------------,अपनी शरण ------------------
१. मोह बंधन में जकड़ी हुई मैं, माया मोह में फंसी हुई मैं
इससे बाहर निकालो हरि जी, मैं तेरे दर---------------------
अपनी शरण -----------------
२. न मैं ज्ञानी न सत्संगी, पूजा करू न जानु तेरी भक्ति
निष्काम भक्ति देदो हरि जी, मैं तेरे दर---------------------
अपनी शरण -----------------
३. सब कुछ तेरा न कुछ मेरा, प्रभु नाम ही है बस मेरा
भव से पर कराओ हरि जी, मैं तेरे दर---------------------
अपनी शरण -----------------
४. न माँगू मैं सोना चाँदी, न माँगू मैं हीरे मोती
अपनी भक्ति देदो प्रभु जी, मैं तेरे दर---------------------
अपनी शरण -----------------
नीलम सक्सेना
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