प्रारम्भ
प्रभु के रंग क्या देखूं ,प्रभु के रंग हज़ारों हैं
प्रभु का नाम काफी है , ये नइया पार लगाने में
प्रभु के रंग -----------------------------
१. तर गयी नाम से शबरी ,जो भागी छोड़कर शादी
देकर राम ने दर्शन , दिलाई उसको है मुक्ति
प्रभु के रंग -----------------------------
२. तर गयी नाम से मीरा , पीकर विष का है प्याला
बनाकर विष को है अमृत ,उसे हृदय में समाया
प्रभु के रंग -----------------------------
३. तर गयी नाम से द्रोपदी , जो खींचा चीर सभा में
दुशासन को है हराया , बढाकर चीर कान्हा ने
प्रभु के रंग -----------------------------
४. तर गए नाम से हैं ध्रुव , जिसे गोदी से हटाया
दिया नारायण ने दर्शन , उसे गद्दी है बिठाया
प्रभु के रंग -----------------------------
५. तर गए नाम से प्रहलाद , पहाड़ों से जिसे फेंका
बन गयी फूल धरती माँ , उसे आँचल में छिपाया
प्रभु के रंग -----------------------------
६. तर गए नाम से हैं भक्त ,जो कीर्तन में आते हैं
देकर उनको है भक्ति , अपनी शरण लगाया है
प्रभु के रंग -----------------------------
शरणागत
नीलम सक्सेना
प्रभु के रंग क्या देखूं ,प्रभु के रंग हज़ारों हैं
प्रभु का नाम काफी है , ये नइया पार लगाने में
प्रभु के रंग -----------------------------
१. तर गयी नाम से शबरी ,जो भागी छोड़कर शादी
देकर राम ने दर्शन , दिलाई उसको है मुक्ति
प्रभु के रंग -----------------------------
२. तर गयी नाम से मीरा , पीकर विष का है प्याला
बनाकर विष को है अमृत ,उसे हृदय में समाया
प्रभु के रंग -----------------------------
३. तर गयी नाम से द्रोपदी , जो खींचा चीर सभा में
दुशासन को है हराया , बढाकर चीर कान्हा ने
प्रभु के रंग -----------------------------
४. तर गए नाम से हैं ध्रुव , जिसे गोदी से हटाया
दिया नारायण ने दर्शन , उसे गद्दी है बिठाया
प्रभु के रंग -----------------------------
५. तर गए नाम से प्रहलाद , पहाड़ों से जिसे फेंका
बन गयी फूल धरती माँ , उसे आँचल में छिपाया
प्रभु के रंग -----------------------------
६. तर गए नाम से हैं भक्त ,जो कीर्तन में आते हैं
देकर उनको है भक्ति , अपनी शरण लगाया है
प्रभु के रंग -----------------------------
शरणागत
नीलम सक्सेना
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