सोमवार, 17 अप्रैल 2017

गुरु ने जगाया तुझे फिर सो गया

               भजन 














गुरु ने जगाया तुझे ,फिर सो गया
उठ जा रे बन्दे खुद को ,कब तू संवारेगा

हम सब बन्दों की यही है कहानी
आये और चले गए ख़त्म कहानी
जाग जा रे बन्दे खुद को ,कब तू संवारेगा
गुरु ने -------------------,उठ जा-------------

 सत्संग ही रे बन्दे ,तुझको सँवारे
अनमोल जीवन अपना सफल बनाले
उठ जा रे बन्दे अपनी ,राह कब चुनेगा
गुरु ने -------------------,उठ जा-------------

कोई जाए हँसता हँसता ,कोई जाए रोता
कुछ कर्म ऐसा करले ,जाए तू हँसता हँसता
उठ जा मुसाफिर तेरा ,वक्त हो गया
गुरु ने -------------------,उठ जा-------------

हीरे और मोती तेरे ,काम नहीं आएंगे
पाप वाला बोझ तू क्यों ,व्यर्थ ढो रहा
उठ परदेसी तेरा ,ध्यान है कहाँ पे
गुरु ने -------------------,उठ जा-------------


                                                                     शरणागत
                                                                 नीलम सक्सेना

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