प्रारम्भ
हरि ॐ , हरि ॐ , हरि ॐ, हरि ॐ
हरि ॐ , हरि ॐ , हरि ॐ, हरि ॐ
ॐ नाम तोह बड़ा ही पावन -२
जिसने जपा उसने जाना रे - हरि ॐ हरि ॐ
ॐ नाम को शिव ने जपा है , उनकी महिमा न्यारी रे -२
ॐ नाम को जिसने जपा है , उसकी किस्मत न्यारी रे - हरि ॐ,
ॐ नाम मे बड़ी ही शक्ति ,जपने से मिलती है भक्ति -२
ॐ नाम को जो सिमरन करता , मिलती उसको मुक्ति रे -हरि ॐ , हरि ॐ
ॐ नाम है बड़ा ही निर्मल ,बड़ा ही निर्मल बड़ा ही उज्जवल -२
ॐ नाम की महिमा न्यारी , उसका भेद न पाया रे - हरि ॐ , हरि ॐ
ॐ नाम तोह अपनी पूँजी , बाकी यही रह जाना रे -२
ॐ नाम को तू अपना ले , हो जाए बेडा पार रे - हरि ॐ , हरि ॐ
बात मान ले गुरु की बन्दे , सत्संग मे तुम आना रे -२
और हरी कीर्तन मे आना ,यह नीलम की अर्जी रे - हरि ॐ , हरि ॐ
इति
शरणागत
नीलम सक्सेना
kripya aap sabhi apni pritikriya dijiye.
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