भजन
हे मूरख बन्दे काहे करे अभिमान -२
१. पंचभूत की बनी ये काया , मिटटी में मिल जाएगी
राम नाम का सुमिरन करले , मुक्ति तुझे मिल जायेगी
हे मूरख बन्दे काहे करे अभिमान -२
२. राम नाम की बूटी पीकर , भव से पार हो जाएगा
राम नाम की गंगा नहाकर , बेडा पार हो जायेगा
हे मूरख बन्दे काहे करे अभिमान -२
३. कौड़ी - कौड़ी माया जोड़ी , संग तेरे ना जाएगी
धन-दौलत से भरे खजाने , यहीं पड़े रह जाएंगे
हे मूरख बन्दे काहे करे अभिमान -२
४. क्या करता है मेरा-मेरा , चिड़िया रैन बसेरा
सांस तेरी रूक जाएँगी , हंस तेरा उड़ जायेगा
हे मूरख बन्दे काहे करे अभिमान -२
शरणागत
नीलम सक्सेना
प्रभु सिमरन शरणागत नीलम सक्सेना
हे मूरख बन्दे काहे करे अभिमान -२
१. पंचभूत की बनी ये काया , मिटटी में मिल जाएगी
राम नाम का सुमिरन करले , मुक्ति तुझे मिल जायेगी
हे मूरख बन्दे काहे करे अभिमान -२
२. राम नाम की बूटी पीकर , भव से पार हो जाएगा
राम नाम की गंगा नहाकर , बेडा पार हो जायेगा
हे मूरख बन्दे काहे करे अभिमान -२
३. कौड़ी - कौड़ी माया जोड़ी , संग तेरे ना जाएगी
धन-दौलत से भरे खजाने , यहीं पड़े रह जाएंगे
हे मूरख बन्दे काहे करे अभिमान -२
४. क्या करता है मेरा-मेरा , चिड़िया रैन बसेरा
सांस तेरी रूक जाएँगी , हंस तेरा उड़ जायेगा
हे मूरख बन्दे काहे करे अभिमान -२
शरणागत
नीलम सक्सेना
प्रभु सिमरन शरणागत नीलम सक्सेना
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