॥ प्रारम्भ ॥
अरे रे रे मेरे गणपति लाला
ओ लम्बी सूंड़ सुंडाला
ओ तेरी लीला न्यारी
तेरी कृपा प्यारी
ओ मेरे गणपति लाला -----
जो भी तेरी शरण मे आता
संकट दूर भगाता संकट दूर भगाता
पल मे खाली झोली भरता
नईया पार लगाता - नईया पार लगाता
सुन्दर छवि वाला , हो सुन्दर छवि वाला
ओ मेरे गणपति लाला -----
शीश पे उनके मुकुट विराजे , कानन कुण्डल -कानन कुण्डल
माथे केसर तिलक विराजे , नैनन कजरा - नैनन कजरा
बड़े बड़े कानो वाला ,बड़े बड़े कानो वाला
ओ मेरे गणपति लाला -----
गले मे उनके हरवा विराजे , काँधे जनेऊ - काँधे जनेऊ
हाथ मे उनके लड्डू विराजे , अंग पीतांवर -अंग पीतांवर
छोटे छोटे पाव वाला , छोटे छोटे पाव वाला
ओ मेरे गणपति लाला -----
संग मे उनके शिव गौरा विराजे, कार्तिक देवा - कार्तिक देवा
संग मे रिद्धि सिद्धि विराजे , मूषक सवारी - मूषक सवारी
शुभ लाभ वाला , हो शुभ लाभ वाला
ओ मेरे गणपति लाला -----
" इति "
शरणागत
नीलम सक्सेना
अरे रे रे मेरे गणपति लाला
ओ लम्बी सूंड़ सुंडाला
ओ तेरी लीला न्यारी
तेरी कृपा प्यारी
ओ मेरे गणपति लाला -----
जो भी तेरी शरण मे आता
संकट दूर भगाता संकट दूर भगाता
पल मे खाली झोली भरता
नईया पार लगाता - नईया पार लगाता
सुन्दर छवि वाला , हो सुन्दर छवि वाला
ओ मेरे गणपति लाला -----
शीश पे उनके मुकुट विराजे , कानन कुण्डल -कानन कुण्डल
माथे केसर तिलक विराजे , नैनन कजरा - नैनन कजरा
बड़े बड़े कानो वाला ,बड़े बड़े कानो वाला
ओ मेरे गणपति लाला -----
गले मे उनके हरवा विराजे , काँधे जनेऊ - काँधे जनेऊ
हाथ मे उनके लड्डू विराजे , अंग पीतांवर -अंग पीतांवर
छोटे छोटे पाव वाला , छोटे छोटे पाव वाला
ओ मेरे गणपति लाला -----
संग मे उनके शिव गौरा विराजे, कार्तिक देवा - कार्तिक देवा
संग मे रिद्धि सिद्धि विराजे , मूषक सवारी - मूषक सवारी
शुभ लाभ वाला , हो शुभ लाभ वाला
ओ मेरे गणपति लाला -----
" इति "
शरणागत
नीलम सक्सेना
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