शनिवार, 14 जनवरी 2017

भजन :- आ भी जाओ , मान जाओ

आ भी जाओ , मान जाओ
अंबे माँ , जगदंबे माँ , अंबे माँ ,जगदंबे मां 
आ भी जाओ ------------------

सोने का माँ मंदिर बनवाऊँ , लाल ध्वज माँ मै फहराऊं ।
चन्दन की चौकी लगवाऊं ,रेशम का आसान बिछवाऊँ ॥
आ भी जाओ ------------------

वेला  चमेली के फूल मगाऊं ,मैया का हरवा बनवाऊं ।
फूलो के गजरे बनवाऊं , अपनी मैया को पहनाऊँ ॥
आ भी जाओ ------------------

हीरे जड़े लाल साड़ी मगाऊं, गोटेदार चुनरिया मगाऊं ।
सोलह सिंगार माँ को कराऊँ , अपने हाथो माँ को सजाऊँ ॥
अंबे माँ , जगदंबे माँ , अंबे माँ ,जगदंबे मां
आ भी जाओ ------------------

फल और मेवा का भोग मगाऊं , अपने हाथो से राबड़ी बनाऊँ ।
मीठा -मीठा बीणा मैया को खिलाऊँ , चरणों मे  माँ के शीश नवाऊँ ॥


अंबे माँ , जगदंबे माँ , अंबे माँ ,जगदंबे मां
आ भी जाओ ------------------


                                           शरणागत 
                                        नीलम सक्सेना 

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