रविवार, 15 जनवरी 2017

भजन :- ओ अभिमानी ये माया आनी जानी

                    ॥  प्रारम्भ ॥ 



भजन ओ अभिमानी ये  माया आनी जानी 
न कर मनमानी तू झूठी शान मे 
तेरा पाला भी पड़ेगा शमसान से 
 ओ अभिमानी ---------------- 


माता पिता का तूने कहना न माना , गुरु की आज्ञा न मानी   ई~~~~  गुरु की आज्ञा न मानी 
भाई बहिन का तूने नाता न निभाया , मित्र को पहुचाई हानि  ई~~~~ मित्र को पहुचाई हानि 
किया तूने सभी के साथ धोखा , यह काम नहीं चोखा , तू सुन ज़रा ध्यान से 
तेरा पाला भी पड़ेगा शमसान से 
ओ अभिमानी -----------------

लाखो करोडो तेरे पाप कमाई ,वो भी काम न आएगी ई~~~~ वो भी काम न आएगी
त्रिया करे जो प्रीत घनेरी , वो भी साथ न  जाएगी  ई~~~~  वो भी साथ न  जाएगी 
तेरे नाती पोते बजायेंगे बाजा ,निकलेंगे जनाजा , तू जायेगा जहां से 
तेरा पाला भी पड़ेगा शमसान से 
ओ अभिमानी -----------------

मैंने कहा था उसे मान ले तू पगले , सत संगत मे आ मिले ऐ~~~~ सत संगत मे आ मिले 
किये तूने जो पाप घनेरे ,वो झूठी शान मे 
तेरा पाला भी पड़ेगा शमसान से 
ओ अभिमानी -----------------

                                       इति 

                                                                              शरणागत 
                                                                          नीलम सक्सेना 


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