रविवार, 15 जनवरी 2017

भजन :- तेरी मेरी तेरी मेरी , क्या करता है प्राणी

                    ॥ प्रारम्भ  ॥ 


तेरी मेरी तेरी मेरी , क्या करता है प्राणी 
क्यों आया है इस जगत मे 
भूला रे क्यों प्राणी 
तेरी मेरी तेरी मेरी , क्या करता है प्राणी 

हम सब तो है उसकी माया , जिसने जगत बनाया  
समझ न पाए उसकी माया। , जग मे तू भरमाया 
तेरी मेरी तेरी मेरी , क्या करता है प्राणी 

गुरु की शरण मे  आजा रे बन्दे ,ज्ञान की गंगा नहायेगा 
ज्ञान की गंगा मे तू नहाकर , भाव से पार हो  जायेगा 
तेरी मेरी तेरी मेरी , क्या करता है प्राणी 

सारी उमर तू सोता रहा क्यू नहीं जागा प्राणी 
सत्संग मे तू आजा रे बंदे अब तो जाग  जा प्राणी 
तेरी मेरी तेरी मेरी , क्या करता है प्राणी 

बचपन बीता खेल कूद मे ,नींद मे सोया जवानी ,
जर जर काया देखकर, क़्यू रोया तू प्राणी 
तेरी मेरी तेरी मेरी , क्या करता है प्राणी 


                       इति 

                                                         शरणागत  
                                                      नीलम सक्सेना 

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