भजन
मेरी मटकी फोड़ गयो कन्हैया छोटो सो
१. जब आवे है फागुन महीना, होली खेलन आवे कान्हा
बाँहों में झूल गयो, कन्हैया छोटो सो
मेरी मटकी फोड़ गयो----------------------
२. जब मेरे कान्हा बंशी बजावे, अपनी धुन पे सबको नचावे
मोसे बोले मीठे बोल, कन्हैया छोटो सो
मेरी मटकी फोड़ गयो----------------------
३. जब आवे कान्हा माखन खाने ,संग में लावे ग्वाले वाले
मेरी बइयाँ दई मरोड़, कन्हैया छोटो सो
मेरी मटकी फोड़ गयो----------------------
४. जा दिन से मैंने देखे कान्हा, छोड़ दियो है मैंने वरसाना
मिलन भयो अनमोल, कन्हैया छोटो सो
मेरी मटकी फोड़ गयो----------------------
५. जाके देखो होठ रसीले, ऐसे जैसे श्याम रंगीले
रसिया रस घोल गयो, कन्हैया छोटो सो
मेरी मटकी फोड़ गयो----------------------
शरणागत
नीलम सक्सेना
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