बुधवार, 15 मार्च 2017

भोला मस्ती में रहता है



                   भजन 

भोला मस्ती में रहता है,भर-भर लोटा पीता है 
कैलाश धाम में रहता है, डम-डम-डम डमरू बजता  है 

१. भांग धतूरा खाता है, बेल का शरवत पीता है 
    दूध की लस्सी पीता है, भोला मस्ती में रहता है
    भर-भर लोटा पीता है।  
     
२. शीश जटाएँ रखता है, गंगाजी धारण करता है 
    चंदा शीश चमकता है, भोला मस्ती में रहता है
    भर-भर लोटा पीता है।  

३. कान में बिच्छू पहनता है, गले में सर्प पहनता है 
    हाथ में  डमरू बजता है, भोला मस्ती में रहता है
    भर-भर लोटा पीता है।  

४. मृगछाला अंग पहनता है,कांधे पे झोला रखता है 
    पैर खड़ाऊँ पहनता है, भोला मस्ती में रहता है
    भर-भर लोटा पीता है।  

५. संग में गौरा रखता है, गोद में गणपति रखता है
    साथ में नंदी चलता है, भोला मस्ती में रहता है
    भर-भर लोटा पीता है।   


                                                                                                      शरणागत
                                                                                                   नीलम सक्सेना

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